सफर में धुप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी है भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो,
यहाँ कोई किसी को रास्ता नही देता
मुझे गिरा के तुम संभल सको तो चलो.
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ढल गया आफताब ए साकी
ला पिला दे शराब ए साकी
मैकदा छोड़ कर कहा जाए
है ज़माना ख़राब ए साकी
जाम भर दे गुनाह्गारो के
है ये भी एक सवाब ए साकी ।
सभी है भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो,
यहाँ कोई किसी को रास्ता नही देता
मुझे गिरा के तुम संभल सको तो चलो.
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ढल गया आफताब ए साकी
ला पिला दे शराब ए साकी
मैकदा छोड़ कर कहा जाए
है ज़माना ख़राब ए साकी
जाम भर दे गुनाह्गारो के
है ये भी एक सवाब ए साकी ।
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दर्द की हद से गुज़रना तो अभी बाकी है
टूट के मेरा बिखरना तो अभी बाकी है,
पास आकार मेरा दुखदर्द बतानेवाले
पास आकार मेरा दुखदर्द बतानेवाले
मुझसे कतरा के गुज़रना तो अभी बाकी है।
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आँखों में रहा दिल में उतर कर नही देखा
कसती के मुसाफिर ने कभी समंदर नही देखा,
बेवक्त अगर जाऊंगा सब चौक पड़ेंगे
बेवक्त अगर जाऊंगा सब चौक पड़ेंगे
मुद्दत हुई दिन में कभी घर नही देखा
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