चले जाओगे बेशक मेरी ज़िन्दगी से,
मगर इस दिल से किस तरह जाओगे,
आयेगी जब मेरी याद ,
आंसू बहाओगे , चाहोगे मुझसे मिलना,
पर मिल नही पाओगे, पूछेगा कोई मेरे बारे में ,
गलती मेरी बताओगे, होंगे तुम्हारी महफिल में सभी ,
मगर हमे नही पाओगे,
महफिल में रहकर भी तनहा हो जाओगे,
सोचोगे जब मेरे बारे में तो फिर पछताओगे,
मेरी नज़र में हमेशा बेवफा कहलाओगे,
माना की बना लोगे एक और दोस्त ………… ॥
मगर हमे कहाँ से लायोगे ……
Friday, August 21, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
very nice bhai
but yar mere ko bhi batana ye sab hota kaise hai.
shashi bhardawas
sikar
Post a Comment